Shree Kapil Pujari ji is qualified Astrologer and he is Priest (pujari) in Salasar Balaji Dham Mandir, Rajasthan holds expertise in Astrology, Vastu Shastra and Horoscope reading. He is Vedic Astrologer from the Land of Shree Salasar Balaji Dham (Rajasthan).
Shree Kapil Pujari ji is qualified Astrologer and he is Priest (pujari) in Salasar Balaji Dham Mandir, Rajasthan holds expertise in Astrology, Vastu Shastra and Horoscope reading. He is Vedic Astrologer from the Land of Shree Salasar Balaji Dham (Rajasthan).
इस संसार को सार हीन, रस हीन मान कर महान तपस्वी एवं त्याग मूर्ति महात्मा मोहनदास जी ने समाधि का रस्ता चुना, वे हनुमत रूपी ज्योत में एक रूप हो गए, जीवित समाधिस्थ होकर..
सालासर, हनुमानजी महाराज का वह जाग्रति धाम जहाँ ब्रह्मचारी बजरंग बली की पुजा गृहस्थ धर्म का पालन करने वाले पुजारी करते है.. कुछ मुख्य नियम है वहाँ पुजा के..
* पुजारी जी ब्रह्मचर्य का पूर्ण पालन करते है
*मध्य रात्रि के समय जब तारा गण आकाश में विद्यमान होते है उसी समय ( 2:00 Am - 3:00 Am ) पुजारी जी उठ कर बालाजी के कूएँ के जल से स्नान करके पवित्र होकर मणि मन्दिर के पट खोलते है..
* दिन में शयन के बाद पुनः कूएँ के जल से स्नान करके के ही पुजा में उपस्थित होते है..
* शंका इत्यादि होने पर पुनः स्नान करना पड़ता है, जीतनी बार शौच के लिए जाना होता है उतनी बार स्नान करना आवश्यक है..
* भोजन में केवल प्रसाद की ही अनुमति है जैसे बालभोग अथवा राजभोग जो बालाजी महाराज ने भोग लगाया वही प्रसाद एवं दुग्ध उपलब्ध है..
* शयन के लिए बिस्तर या शैय्या का उपयोग निषेध है, ज़मीन पर बिछौने का ही प्रयोग किया जा सकता है..
* बार-बार बालाजी महाराज के मणि मन्दिर की सफ़ाई एवं प्रक्षालन अति आवश्यक है जैसे
प्रात: काल आरती से पूर्व
राजभोग के समय
संध्या में धूप से पूर्व
सायं आरती से पूर्व
बालभोग से पूर्व
शयन आरती से पूर्व
मन्दिर में झाड़ू पोंछा लगाने का व बालाजी महाराज के बर्तन साफ़ करने का विधान है..
* मर्यादित भाषा में संभाषण एवं सभी के लिए एक समान दृष्टि भाव आवश्यक है..
* ज्योत के घी का नित्य ध्यान व ज्योत की सफ़ाई
इस प्रकार गृहस्थ होते हुए भी महात्मा मोहनदास जी के शिष्य एवं कानीदादी जी के वंशज अपना जीवन हनुमत लीन मर्यादा के साथ व्यतीत करते है..