बहुत भोले मन से निर्मल मन से ईश्वर के समक्ष जाइए, वे आपको सब कुछ प्रदान करे देंगे।
सुन्दरकाण्ड भगवान राम स्वयं कहते हैः-
॥ निर्मल मन जन सो मोहि पावा मोहि कपट छल छिद्र न भावा ॥
एवं गोस्वामी जी कहते हैः-
॥ विद्यावान गुनी अति चातुर ॥
गोस्वामी जी ने हनुमानजी महाराज की चतुरता में विशेषण दिया है, हनुमानजी से ज़्यादा ज्ञान व विज्ञान की समझ कोई अन्य देव नहीं रखते है, भगवान राम भी हनुमानजी के ज्ञान की बड़ाई किष्किन्धा काण्ड में करते है..
इसलिए उनके समक्ष अपने ज्ञान की अकड़ को कलेजे में नहीं रखनी चाहिए, सभी वेद और शास्त्रों के ज्ञाता हनुमान जी के सामने झुक कर ही चलना चाहिए.. 🚩जय श्री बालाजी की🙏🏻