जय श्री बालाजी की

Shree Kapil Pujari ji is qualified Astrologer and he is Priest (pujari) in Salasar Balaji Dham Mandir, Rajasthan holds expertise in Astrology, Vastu Shastra and Horoscope reading. He is Vedic Astrologer from the Land of Shree Salasar Balaji Dham (Rajasthan).

धर्मो रक्षति रक्षित:

जय श्री बालाजी की

Shree Kapil Pujari ji is qualified Astrologer and he is Priest (pujari) in Salasar Balaji Dham Mandir, Rajasthan holds expertise in Astrology, Vastu Shastra and Horoscope reading. He is Vedic Astrologer from the Land of Shree Salasar Balaji Dham (Rajasthan).

सुन्दरकाण्ड से सीखिए वास्तविक प्रेम की परिभाषा, जहाँ त्याग विश्वास और प्रतीक्षा की आदर्श है माँ सीता
Subscribe to my YouTube Channel

साधारण मानवीय अभिनेता एवं अभिनेत्री के स्थान पर यदि हम ईश्वर को ही सर्वदा आदर्श रखे तो भौतिक और आध्यात्मिक चरम को प्राप्त कर सकते है.. रामचरितमानस आपको जीवन से सभी मूल्यों के प्रति प्रेरित करता है, सुन्दरकाण्ड आपको भक्ति शौर्य के साथ-साथ प्रेम करना भी सिखाता है, भगवान राधा-कृष्ण की तरह ही भगवान सीताराम जी भी प्रेम के आदर्श हैं, कैसे वैवाहिक जीवन में एकरूपता आती है, हम माता जानकी जी के चरित्र से सिख सकते है..

• • * सुनु दसमुख खद्योत प्रकासा। कबहुँ कि नलिनी करइ बिकासा॥ अस मन समुझु कहति जानकी। खल सुधि नहिं रघुबीर बान की॥

4॥ भावार्थ:-हे दशमुख! सुन, जुगनू के प्रकाश से कभी कमलिनी खिल सकती है? जानकीजी फिर कहती हैं- तू (अपने लिए भी) ऐसा ही मन में समझ ले। रे दुष्ट! तुझे श्री रघुवीर के बाण की खबर नहीं है॥

4॥ English: “Listen, O ten-headed monster: can a lotus flower ever expand in the glow of a fire-fly?” “Ponder this at heart,” continued Janak’s Daughter; “perhaps you have no idea what Shri Ram’s shafts are like, O wretch.

* सठ सूनें हरि आनेहि मोही। अधम निलज्ज लाज नहिं तोही॥5॥ भावार्थ:-रे पापी! तू मुझे सूने में हर लाया है। रे अधम! निर्लज्ज! तुझे लज्जा नहीं आती?

॥5॥ English: You carried me off at a time when there was none by my side; yet you do not feel ashamed, O vile and impudent rogue!”

दोहा : * आपुहि सुनि खद्योत सम रामहि भानु समान। परुष बचन सुनि काढ़ि असि बोला अति खिसिआन

॥9॥ भावार्थ:-अपने को जुगनू के समान और रामचंद्रजी को सूर्य के समान सुनकर और सीताजी के कठोर वचनों को सुनकर रावण तलवार निकालकर बड़े गुस्से में आकर बोला-

॥9॥ English: Hearing himself likened to a glow-worm and Shri Ram compared to the sun, and exasperated at Her harsh words, the monster drew out his sword and said:

चौपाई : * सीता तैं मम कृत अपमाना। कटिहउँ तव सिर कठिन कृपाना॥ नाहिं त सपदि मानु मम बानी। सुमुखि होति न त जीवन हानी॥1॥ भावार्थ:-सीता! तूने मेरा अपनाम किया है। मैं तेरा सिर इस कठोर कृपाण से काट डालूँगा। नहीं तो (अब भी) जल्दी मेरी बात मान ले। हे सुमुखि! नहीं तो जीवन से हाथ धोना पड़ेगा

॥1॥ English: “Sita, you have offered me an insult; I will accordingly cut off your head with my relentless sword. If not, obey my command at once; or else you lose your life, O beautiful lady.”

Leave a Reply

Translate This Page »

Book your rooms in Salasar. Hotel Jesraj is 3 Star boutique hotel in the heart of Salasar city, located at Anajni Mata Temple Road.

X
Scroll to Top
×
Welcome to Anjney Astrology Center

For Astrology help

Click one of our contacts below to chat on WhatsApp

× Chat!